Friday, October 8, 2010

Abhiman

  • वह अभिमान बड़ा उत्तम है बढ़ कर जाये स्वाभिमान तक
  • .आगे को यदि कदम बढ़ाये तो रावन है राम बन तक

Saturday, October 2, 2010

आयी किरण पाती पिया

आयी किरण पाती पिया की
बज उठी सांकल हिया की |


भावना ने पंख तोले
दृष्टि ने उठ द्वार खोले,
सामने देखी क्षितिज पर,
लाल पगड़ी डाकिया की |

बिछौने के शूल सारे,
खिल उठे बन फूल सारे,
रात भर की थकी हरी,
सो गयी बाती दिया की |

आस ने आँगन बुहारा
आस्था बोली दुबारा


मैं न कहती थी वो एक दिन
पीर बूझेंगे जिया की
;;;;;;;;kjoikyogendra